परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर किसी मामले को सिद्ध करने के 'पंचशील' बनाने वाले पांच स्वर्णिम सिद्धांत इस प्रकार हैं:-

  1. हरिचरण कुर्मी बनाम बिहार राज्य (AIR 1964 एससी 1184)
  2. शरद बनाम महाराष्ट्र राज्य (एआईआर 1984 एससी 1622)
  3. राम सिंह बनाम कर्नल राम सिंह (AIR 1986 एससी 3)
  4. कश्मीर सिंह बनाम मध्य प्रदेश राज्य (एआईआर 1952 एससी 159)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : शरद बनाम महाराष्ट्र राज्य (एआईआर 1984 एससी 1622)

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सही उत्तर विकल्प 2 है।

Key Points

  • शरद बिरधीचंद सारदा बनाम महाराष्ट्र राज्य (1984) सुप्रीम कोर्ट का मामला साक्ष्य विधि का ऐतिहासिक निर्णय बन गया है जो हमेशा परिस्थितिजन्य साक्ष्य, जनश्रुति साक्ष्य, अंतिम घोषणा और साक्ष्यों की प्रासंगिकता की व्याख्या में मदद करता है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्यों की प्रासंगिकता के लिए पंचशील परीक्षण (पांच स्वर्णिम नियम) की शुरुआत की, जिसे ऐसे मामलों में लागू किया जाएगा जहां प्रत्यक्ष साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। वे हैं-
    • जिन परिस्थितियों से दोष निकाला जाना है, वे पूरी तरह से स्थापित अवश्य होनी चाहिए या होनी चाहिए।
    • स्थापित तथ्य केवल अभियुक्त के अपराध बोथ के अनुरूप होने चाहिए और अभियुक्त के अपराध के अलावा कोई व्याख्या करने योग्य परिकल्पना नहीं होनी चाहिए।
    •  परिस्थितियाँ निर्णायक प्रकृति की होनी चाहिए।
    •  परिस्थितियों को हर दूसरी परिकल्पना को बाहर कर देना चाहिए।
    • साक्ष्यों की शृंखला इतनी संपूर्ण होनी चाहिए कि वह अभियुक्त की निर्दोषिता के पक्ष में कोई आधार न छोड़े।

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