प्राकृतिक वरण की अवधारणा किसके द्वारा दी गई थी?

  1. चार्ल्स डार्विन
  2. लैमार्क
  3. मेंडल
  4. वाइजमान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : चार्ल्स डार्विन
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Rajasthan PTET Full Test 1
200 Qs. 600 Marks 180 Mins

Detailed Solution

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Key Points

  • डार्विन ने वर्ष 1859 में प्राकृतिक वरण नामक विकास के एक सिद्धांत का प्रस्ताव रखा। इसके अनुसार वह जनसंख्या जो एक पर्यावरण में बेहतर रूप से फिट (प्रजनन योग्य हैं) प्रकृति द्वारा चुनी जाएंगी और अधिक जीवित रहेंगी।
  • डार्विन ने एक नौकायन जहाज में समुद्री यात्रा का आयोजन किया जिसे एच.एम.एस बीगल कहा जाता है जो विकास के सिद्धांत पर उनके प्रयोगों का एक हिस्सा है।
  • चार्ल्स डार्विन ने निष्कर्ष निकाला कि विद्यमान सजीव कमोवेश आपस में तो समानताएँ रखते ही हैं बल्कि उन जीव रूपों से भी जो करोड़ों वर्ष पूर्व के समय विद्यमान थीं।
  • डार्विन के प्राकृतिक वरण के सिद्धांत को 'डार्विनवाद' के नाम से जाना जाता है।
  • प्राकृतिक वरण द्वारा विकास, एक सही अर्थ में, तब शुरू होगा जब पृथ्वी पर चयापचयी क्षमता में अंतर के साथ जीवन के कोशिकीय प्रकार की उत्पत्ति हुई।
  • डार्विन अपनी यात्रा के दौरान गैलापैगों द्वीप गए थे।
  • शारबनी अवरोहण और प्राकृतिक वरण विकास के डार्विनीवाद की दो मुख्य संकल्पनाएँ हैं।
  • एक विशेष भू भौगोलिक क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के विकास का प्रक्रम एक बिंदु से शुरू होकर अन्य भू भौगोलिक ( पर्यावास) तक प्रसारित होने को अनुकूली विकिरण कहा गया।
  • डार्विन फिंच अनुकूली विकिरण के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक को दर्शाते हैं।

Important Points

  • चार्ल्स डार्विन को ''विकासीय जीवविज्ञान'' के जनक के रूप में जाना जाता है।

Additional Information

  • लैमार्क के अनुसार, जीवन का विकास अंगों के उपयोग और अनुपयोग के कारण हुआ।
  • ग्रेगर मेंडल ने मटर के पौधों पर अपने काम के माध्यम से आनुवंशिकता के नियम का प्रस्ताव किया और वंशागति के मौलिक नियम की खोज की।
  • ​वाइजमान ने जननद्रव्य की निरंतरता का सिद्धांत दिया। 

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Last updated on Jun 19, 2025

-> The Rajasthan PTET Provisional Answer Key 2025 has been released.

-> The Rajasthan PTET 2025 will take place on 15th June 2025.

-> The Rajasthan Pre-Teacher Education Test (PTET) is conducted for admission to the 2-year B.Ed. and 4-year Integrated BA/B.Sc. B.Ed. Courses offered by universities in Rajasthan.  

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