नीचे दो कथन दिए गए हैं।

कथन I: गुणवत्तापरक दत्त (डाटा) विश्लेषण को मात्रापरक दत्त विश्लेषण के संहिताबद्ध प्रदेशनों (प्रेसक्रिप्शन) द्वारा अभिशासित किया जाता है।

कथन II: गुणवत्तापरक दत्त विश्लेषण में अनेक उपागम है, जिसमें आधार सिद्धांत महत्वपूर्ण है।

उपरोक्त कथन के आलोक में नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

This question was previously asked in
UGC NET Paper 1: Held on 12th Mar 2023 Shift 2
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  1. कथन I और II दोनों सत्य हैं।
  2. कथन I और II दोनों असत्य हैं।
  3. कथन I सत्य है लेकिन कथन II असत्य है।
  4. कथन I असत्य है, लेकिन कथन II सत्य है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : कथन I असत्य है, लेकिन कथन II सत्य है।
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UGC NET Paper 1: Held on 21st August 2024 Shift 1
50 Qs. 100 Marks 60 Mins

Detailed Solution

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गुणवत्तापरक दत्त (डाटा) विश्लेषण: यह अंतर्निहित अर्थ, पैटर्न और विषयों को समझने के लिए गैर-संख्यात्मक दत्त (डाटा) की जांच और व्याख्या करने की प्रक्रिया है।

 Key Points

कथन I: गुणवत्तापरक दत्त (डाटा) विश्लेषण को मात्रापरक दत्त विश्लेषण के संहिताबद्ध प्रदेशनों (प्रेसक्रिप्शन) द्वारा अभिशासित किया जाता है।

गुणवत्तापरक दत्त (डाटा) विश्लेषण मात्रापरक दत्त विश्लेषण से काफी भिन्न होता है, और इसकी कार्यप्रणालियों और तकनीकों को मात्रापरक अनुसंधान के समान संहिताबद्ध प्रदेशनों (प्रेसक्रिप्शन) द्वारा अभिशासित नहीं किया जा सकता है।

अत: यह कथन असत्य है।

कथन II: गुणवत्तापरक दत्त विश्लेषण में अनेक उपागम है, जिसमें आधार सिद्धांत महत्वपूर्ण है।

ग्राउंडेड थ्योरी (आधार सिद्धांत) गुणवत्तापरक दत्त (डाटा) विश्लेषण के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला उपागम है जिसमें एक पूर्वकल्पित परिकल्पना का परीक्षण करने के बजाय डाटा (आंकड़ों) से ही सिद्धांत विकसित करना शामिल है।

गुणवत्तापरक दत्त (डाटा) विश्लेषण के अन्य तरीकों में विषयवस्तु विश्लेषण, वर्णनात्मक विश्लेषण और संवाद विश्लेषण शामिल हैं।

इस प्रकार यह कथन सत्य है।

इसलिए, कथन I असत्य है, लेकिन कथन II सत्य है

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