Question
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और प्रश्न का उत्तर दीजिए।
नौयात्रा के लिए सिंधु पर नियंत्रण स्थापित करने से होने वाले हितलाभों को जानते हुए अंग्रेजों ने सिंध के दो अमीरों, खानपुर के अमीर रुस्तम खान और हैदराबाद के मुराद अली को एक पक्षीय समझौता करने और परोक्षी (प्राक्सी) के रूप में ब्रिटिश सैनिकों और राजनीतिक प्रवेश के लिए सिंध को खोलने के लिए राजी किया।
सिंध के अमीरों द्वारा अनिच्छापूर्वक हस्ताक्षर किए गए इस समझौते के तहत अंग्रेजों को सिंध से अरब सागर की ओर गुजरने वाली वस्तुओं पर कराधान शुल्कों के संबंध में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त हो गया। यह तोपवाली नाव कूटनीति का रूपांतरण था जिससे आगे बढ़ते हुए अंग्रेजों ने मध्य एशिया से सिंध तक होने वाले संपूर्ण व्यापार को नियंत्रित करने के लिए निषेधाधिकार (वीटो) को छीनकर अपने हाथों मे ले लिया और उसके द्वारा उन क्षेत्रों और राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को अपने हितों के अनुरूप बनाने का अधिकार भी प्राप्त कर लिया। इनमें रणजीतसिंह की अर्थव्यवस्था भी शामिल थी जिसको समाप्त करना अब उनकी कार्य सूची (एजेंडा) में था।
अगला कदम रणजीत सिंह को सतलज को व्यापार के लिए खोलने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये बाध्य करना था। ब्रिटिश एजेंट कैप्टन वेड ने महाराजा से कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ही उनके (महाराणा) के नियंत्रण वाले क्षेत्र में व्यापार का विस्तार होगा। परंतु ब्रिटिश एजेंसियों ने अत्याधिक बड़े सामान ले जाने वाली नावों पर 570 रु. का भारी कर अधिरोपित कर सिक्ख राज्य की अर्थव्यवस्था को विघटित कर दिया था। इसमें, कश्मीर में संचालित किए जा रहे 20,000 करघों से पशमीना शॉल का उत्पादन भी शामिल था । इन शॉलों को मुख्यरूप से यूरोपीय बाजारों, विशेषकर फ्रांस, को निर्यात किया जाता था जहाँ उनसे ब्रिटेन के ऊनी विनिर्माणों को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलती थी।
नीचे दो कथन दिए गए हैः एक अभिकथन (A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (R) के रूप में लिखित है;
अभिकथन A : अंग्रेज चाहते थे कि रणजीत सिंह समझौते पर हस्ताक्षर करें।
करण R : अंग्रेज, सिंध के जरिए व्यापार को नियंत्रित करना चाहते थे।
उपरोक्त कथन के आलोक मे, नीचे दिए गे विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर यह है कि A और R दोनों सत्य हैं लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है।
Key Points
- पंक्तियों का संदर्भ लें:
- सिंध के अमीरों द्वारा अनिच्छापूर्वक हस्ताक्षर किए गए इस समझौते के तहत अंग्रेजों को सिंध से अरब सागर की ओर गुजरने वाली वस्तुओं पर कराधान शुल्कों के संबंध में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त हो गया । यह तोपवाली नाव कूटनीति का रूपांतरण था जिससे आगे बढ़ते हुए अंग्रेजों ने मध्य एशिया से सिंध तक होने वाले संपूर्ण व्यापार को नियंत्रित करने के लिए निषेधाधिकार (वीटो) को छीनकर अपने हाथों मे ले लिया और उसके द्वारा उन क्षेत्रों और राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को अपने हितों के अनुरूप बनाने का अधिकार भी प्राप्त कर लिया। इनमें रणजीतसिंह की अर्थव्यवस्था भी शामिल थी जिसको समाप्त करना अब उनकी कार्य सूची (एजेंडा) में था।
- अगला कदम रणजीत सिंह को संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करना था, साथ ही सतलुज को वाणिज्य के लिए भी खोलना था।
- गद्यांश में कहा गया है कि अंग्रेजों ने रणजीत सिंह को संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जिसने सतलज नदी को वाणिज्य के लिए खोल दिया। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि अंग्रेजों ने सिंधु को अपनी सैन्य और राजनीतिक पैठ के लिए खोलने के लिए सिंध के दो अमीरों के साथ पहले ही एकतरफा संधि पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
- इसलिए, अभिकथन A सत्य है क्योंकि अंग्रेज चाहते थे कि रणजीत सिंह संधि पर हस्ताक्षर करें।
- इसका कारण भी गद्यांश में बताया गया है। ब्रिटिश मध्य एशिया से सिंध तक व्यापार प्रवाह को नियंत्रित करना चाहते थे और क्षेत्रों और राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं में हेरफेर करना चाहते थे, जिसमें रणजीत सिंह भी शामिल थे, जिन्हें हटाना उनके एजेंडे में नहीं था। सिंधु के माध्यम से व्यापार को नियंत्रित करने से, क्षेत्र के आर्थिक मामलों में अंग्रेजों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
- इसलिए, कारण R सत्य है, और यह अभिकथन A की सही व्याख्या है।
Last updated on Jul 7, 2025
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