Question
Download Solution PDFन्याय के अनुसार शब्द में शब्दत्व का प्रत्यक्ष किसके माध्यम से होता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Option 2 : समवेत-समवाय
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर समवेत-समवाय है।
Key Points
- समवेत-समवाय
- न्याय दर्शन में, समवेत-समवाय शब्द उस विशिष्ट संबंध को संदर्भित करता है जो किसी शब्द की अंतर्निहित प्रकृति को प्रकट करता है, जिसे शब्द-पन के रूप में जाना जाता है।
- यह अवधारणा यह समझने के लिए अभिन्न है कि शब्द किस प्रकार अपने अर्थ व्यक्त करते हैं तथा न्याय दर्शन के ढांचे के भीतर इस अर्थ को किस प्रकार पहचाना जाता है।
- यह संबंध केवल शारीरिक या व्याकरणिक जुड़ाव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें एक गहरा, अंतर्निहित संबंध शामिल है जिसे दार्शनिक दृष्टिकोण से पहचाना जाता है।
Additional Information
- न्याय दर्शन
- न्याय भारतीय दर्शन के छह शास्त्रीय दर्शनों में से एक है।
- यह तर्क, ज्ञानमीमांसा और वैध ज्ञान प्राप्त करने के साधनों पर केंद्रित है।
- न्याय दर्शन अपने तर्क और विश्लेषण के कठोर तरीकों के लिए जाना जाता है।
- शब्द-पन की अवधारणा
- न्याय में शब्द-ता से तात्पर्य उस गुण से है जो किसी ध्वनि को सार्थक शब्द बनाता है।
- यह गुण समूह-समूह संबंध के माध्यम से प्रकट होता है, जो एक अद्वितीय दार्शनिक रचना है।
- न्याय ढांचे के भीतर ग्रंथों और तर्कों की व्याख्या करने के लिए शब्द-वस्तु को समझना महत्वपूर्ण है।
- समवाय
- न्याय में समवाय एक अन्य महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो अन्तर्निहित संबंध को संदर्भित करती है।
- यह बताता है कि गुण और पदार्थ किस प्रकार संबंधित हैं, लेकिन यह सीधे तौर पर शब्द-पन को प्रकट करने में शामिल नहीं है।