कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार, निम्नलिखित में कौन-से सही हैं?

1. न्यायिक दंड के परिणामस्वरूप कोई व्यक्ति दास हो सकता था।

2. यदि एक दासी अपने स्वामी के पुत्र को जन्म देती है, तो वह कानूनी रूप से स्वतंत्र थी।

3. यदि स्त्री दास का स्वामी उस स्त्री से जन्म हुए पुत्र का पिता हो, तो उस पुत्र को स्वामी का पुत्र होने का कानूनी हक़ मिलता था।

उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?

This question was previously asked in
UPSC Civil Services Exam Official 2022 Prelims General Studies held on 5th June
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  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल 2 और 3
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10 Qs. 20 Marks 12 Mins

Detailed Solution

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सही उत्तर केवल 2 और 3 है। 

Key Points 

  • कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार, कोई व्यक्ति युद्ध या ऋण के परिणामस्वरूप गुलाम बन सकता है, लेकिन न्यायिक दंड के रूप में नहीं। इसलिए, कथन 1 गलत है।
  • यदि कोई दासी अपने स्वामी से पुत्र उत्पन्न करती थी तो वह कानूनी रूप से स्वतंत्र थी।
    • इस धारा ने महिला दासों को अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने का एक रास्ता प्रदान किया।
    • अपने स्वामी के लिए बच्चा पैदा करके, दास महिला को उसके बंधन से मुक्त कर दिया गया, जो प्राचीन भारत में दासता से जुड़े सामाजिक और पारिवारिक रीति-रिवाजों के एक पहलू को दर्शाता है। इसलिए, कथन 2 सही है।
  • यदि किसी दासी से उत्पन्न पुत्र का पिता उसका स्वामी होता था, तो वह पुत्र स्वामी के पुत्र का कानूनी दर्जा पाने का हकदार होता था।
    • यह दर्शाता है कि दासी और स्वामी के बेटे को स्वामी की वैध पत्नी से पैदा हुए बच्चों के समान अधिकार और दर्जा प्राप्त था, जिससे बच्चे का स्वामी के परिवार में एकीकरण और उत्तराधिकार अधिकार सुनिश्चित होता था। इसलिए, कथन 3 सही है।

Additional Information 

  • कौटिल्य का अर्थशास्त्र राज्य कला, आर्थिक नीति और सैन्य रणनीति पर एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जिसे कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है) ने लिखा था। यह शासन और प्रशासन पर एक व्यापक मैनुअल है।
  • अर्थशास्त्र में प्राचीन भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है, जिसमें दासों की स्थिति और अधिकार भी शामिल हैं। इसमें कानूनी और सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जो उस काल की जटिल सामाजिक संरचना को दर्शाते हैं।

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