Question
Download Solution PDFनीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके (Reason R) कारण के रूप में
अभिकथन A : अंग्रेजों ने पुरानी आर्थिक संरचना को बदला, जमीन का नया बंदोबस्त किया। नये बंदोबस्त के कारण जमीन को क्रय विक्रय करने की छूट मिल गई।
कारण R : बदलती हुई परिस्थितियों में बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करना आरंभ कर दिया।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है- A और R दोनों सही हैं ओर R, A की सही व्याख्या नहीं है
Key Points
अभिकथन A : अंग्रेजों ने पुरानी आर्थिक संरचना को बदला, जमीन का नया बंदोबस्त किया। नये बंदोबस्त के कारण जमीन को क्रय विक्रय करने की छूट मिल गई।
कारण R : बदलती हुई परिस्थितियों में बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करना आरंभ कर दिया।
- यह अभिकथन(A) सही है इसमें इसमें भूमि के स्थाई बंदोबस्त के बारे में बताया गया ।
- तर्क (B) सही है। क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भावना उनके राष्ट्रप्रेम त्याग और बलिदान के जुनून का संभलते अनुमान भी ना लगा सके कि उन्होंने किस प्रकार धैर्य और साहस के साथ पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन व संपादन किया और उसके लिए कितने आर्थिक शारीरिक मानसिक और पारिवारिक कष्ट झेले ।
- अंग्रेजी सरकार की कठोर नीति में दमन तथा अर्थ आभाव के कारण अनेक पत्र पत्रिकाएं बंद भी होती रही परंतु से अधिक नहीं प्रकाशन भी सामने आते गए ।
- 1793 मे लॉर्ड कार्नवालिस में भूमि के स्थाई बंदोबस्त किया ।
- स्थाई बंदोबस्त का मुख्य उद्देश्य कृषि संकट और संकट की समस्या का समाधान करना था जिसके परिणाम स्वरूप कृषि उत्पादन कम हो गया था ।
- ब्रिटिश अधिकारियों ने सोचा कि कृषि द्वारा कृषि में निवेश व्यापार और राज्य के राजस्व के संसाधनों को बढ़ाया जा सकता ।
- राजस्व को स्थाई रूप से निर्धारित करने और संपत्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वह प्रणाली अपनाई जिसे स्थाई बंदोबस्त के नाम से जाना जाता है ।
- एक बार राज्य की राज्य सभा के स्थाई रूप से निर्धारित हो जाएगी तो कार्य का नियमित परवाह होगा इसके अलावा भूमि धारक अपनी कृषि भूमि में निवेश करेंगे क्योंकि निर्माता निर्धारित कर सकेंगे।
- स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता अजीमुल्ला खाने 8 फरवरी 1857 को दिल्ली से 'पयामे आजादी' पत्र प्रारंभ किया ।
- `उन्होंने शोले की तरह अपनी प्रक्रिया तेजस्विनी लेखनी से जनता में स्वतंत्रता की भावना भर दी अलका तक जीवित रहे इस पत्र से घबराकर ब्रिटिश सरकार ने इसे बंद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
- 'पयामे आजादी' के अंक में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के फरमान आजादी का झंडा गीत प्रकाशित करने के कारण संपादक को फांसी पर लटका दिया गया।
- अरविंद घोष के भाई बरिंद्र घोष का पत्र युगांतर वास्तव में युगांतरकारी पत्र था।
- विष्णु शास्त्री चिपलणकर और लोकमान्य तिलक ने जनवरी 1881 में मराठी में 'केसरी' और अंग्रेजी में 'मराठा साप्ताहिक पत्र निकाले और जनजागृति फैलाई।
- गांधीजी ने अंग्रेजी में 'यंग इंडिया' और जुलाई 1919 से हिंदी गुजराती में 'नवजीवन' का प्रकाशन आरंभ किया ।
- गणेश शंकर विद्यार्थी ने 9 नवंबर 1913 को कानपुर से 'प्रताप' साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरंभ किया।
- माखनलाल चतुर्वेदी ने कर्मवीर का संपादन किया कर्मवीर पत्थर ने स्वतंत्रता के समय और ओज और जोशपूर्ण शीर्षक राष्ट्रीय ज्वाला जगायी इसके साथ देश के युवाओं के हृदय में देशभक्ति का भाव भर दिया।
Additional Information
- लॉर्ड कार्नवालिस का मानना था कि लोग स्थाई बंदोबस्त को तुरंत स्वीकार कर लेंगे और इससे अपनी भूमि को बेहतर बनाने में निवेश करना शुरू कर देंगे ।
- 1790 में निदेशक न्यायालय ने 10 वर्षीय समझौता जारी किया जमींदार, जिसे 1793 में स्थाई कर दिया गया।
- 1797 के स्थाई बंदोबस्त अधिनियम द्वारा सशस्त्र बल रखने का उनका अधिकार हटा दिया गया वे केवल भूमि के कर संग्रह करता बनकर रह गए।
- 1868 में बंगाल के साप्ताहिक पत्र अमृत बाजार पत्रिका ने भी परवल राष्ट्रीय विचारों का प्रचार किया जिसके कारण इसके कई संपादकों को जेल की सजा भुगतनी पड़ी ।
- इस प्रकार बुद्धिजीवियों द्वारा निकाले गए समाचार पत्रों का स्वतंत्रता में योगदान है यह तर्क सही है किंतु यह तर्क अभीकथन की व्याख्या नहीं करता है ।
Last updated on Jun 27, 2025
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